वो लड़का है ना...-एक लघु कथा ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/proxy/AVvXsEh68nN82tAWx8iCEWxHWhWLqrdghJHPAd0gZpffSWfGGa4qqYUymjYRdNLFL8n157Qxt8ik_Xa51GCLhsA6yM1A9TNorXaMDWhoBhGcBxB2CCnKVmObiqOVLeF2upiZNPbAB3YciZUdop9EVVY5WlhAF2S33NVTFoJUHKY26gtYKuv09i2BfGU=)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/proxy/AVvXsEgH6llG70tbD27qMwvCyyQ3GufKSIbgg899mceWMjEBC9m2q_1GMv-BVzjS41Hcha1dDdu_j_qGRGgxESNqGYsKZDv_2Rfq7fNNHP0b1ZvqDYBMp2iiGdA6o888kxLEcJHaJJ2COPOIe8SH49Gwwut19X1Tmte20_yd8pJ5W_Z6KMxkJvY=)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/proxy/AVvXsEgH9VNhNWDVZxV1t0N_TI6ur1TQn_hZYELk24ukU_TajQwxvSMPPod19gV8GpU_gR62UlUQlLfZPLpIE-Ptww0cbIDkyqMzMs-8yslSkYQ416x_H7FjB0lhQtONhUPLb-IVCBAapwarAxT2b3FjoyU7XuNvESmlzatBuW7qCGcoT_7WGhnFuGA=)
''मम्मी ''मैं कॉलिज जा रही हूँ आप गेट बंद कर लेना ,कहकर सुगन्धा जैसे ही गेट से बाहर निकली कि शिशिर ने उसका रास्ता रोक लिया .....क्या भैय्या ,जल्दी है ,आपसे शाम को मिलती हूँ ,नहीं तू कहीं नहीं जा रही ,सड़कों का माहौल बहुत ख़राब है और मैं जानता हूँ कि तू और तेरी सहेलियां भी कुछ लड़कों से बहुत परेशान हैं .अरे तो क्या हो गया ये तो चलता ही रहता है अब जाने दो ,आधा घंटा तो कॉलिज पहुँचने में लग ही जायेगा और फर्स्ट पीरियड ही अकडू प्रशांत सर का है अगर देर हुई तो वे सारे टाइम खड़ा ही रखेंगे .सुगन्धा ने भाई की मिन्नतें करते हुए कहा .
''नहीं तू कहीं नहीं जा रही ,''ये कह धमकाते हुए वह जैसे ही उसे घर के अन्दर ले जाने लगा कि पापा-मम्मी दोनों ही बाहर आ गए .क्या हुआ क्यों लड़ रहे हो तुम दोनों ?शिशिर ने पापा-मम्मी को सारी बात बता दी .
''ठीक ही तो कह रहा है शिशिर ,''चल सुगन्धा घर में चल हमें न करानी ऐसी पढाई जिसमे लड़की की जिंदगी व् इज्ज़त और घर का मान सम्मान दोनों ही खतरे में पड़ जाएँ .चल .और बारहवी तो तूने कर ही ली है ,अब प्राइवेट पढले या फिर बस पेपर देने जाना ,वैसे भी कॉलिज में कौन सी पढाई होती है ,ये कह मम्मी सुगन्धा को अन्दर ले गयी और पापा बेटे की पीठ थपथपाते हुए बाइक पर ऑफिस के लिए निकल गए .
शाम को मम्मी और सुगन्धा जब बाज़ार से लौट रही थी तो एकाएक सुगन्धा चिल्ला उठी ...मम्मी ....मम्मी ...देखो पापा बाइक पर किसी लेडी के साथ जा रहे हैं ..परेशान होते हुए भी मम्मी ने कहा -होगी कोई इनके ऑफिस से ....पर इन्हें देख कर तो ऐसा नहीं लगता ...सुगन्धा बोली ...चल घर चल ,ये कह मम्मी खींचते हुए उसे घर ले चली .
तभी एक मोड़ पर ...'''शिशिर मान जाओ ,आगे से अगर तुमने मुझे कुछ कहा तो मैं घर पर सभी को बता दूँगी और तब तुम्हें पिटने से कोई नहीं बचा पायेगा ,''एक लड़की चिल्ला चिल्ला कर शिशिर से कह रही थी ...देखो माँ भैय्या क्या कर रहा है और लड़कियों के साथ और मुझे और लड़कों से बचाने को घर बैठा दिया ,...सही किया उसने ....भाई है तेरा वो ...और वो क्या कर रहा है ....ये तो उसका हक़ है .....वो लड़का है ना ....मम्मी ने गर्व से गर्दन उठाते हुए कहा .
शालिनी कौशिक
5 टिप्पणियां:
nice story...
http://prathamprayaas.blogspot.in/- बिना हाथों की पहली महिला पायलेट – “जेसिका कॉक्स”
pata nhi, ladkaa hokr konsa complex audh lete hain ye boys......bass dua hai: " He Iswar! inhe shamaa kr dena, ye nahi jante ye kya kr rhe hain..... sulgtee theme uthayi hai apne! Badhaayee.
पता नहीं ये कैसा समाज है हमारा जहाँ आज भी बेटियों और बेटो
में इतना फर्क किया जाता है
सही कहा आपने
सही कहा आपने
एक टिप्पणी भेजें