मंगलवार, 4 अगस्त 2015

क्योंकि मै एक लड़की हूँ.....

मुझे हर पल कमजोर बनाया जाता है
ये कहकर कि मै एक लड़की हूँ

मुझे सपने देखने की इजाज़त नहीं
क्योंकि मै एक लड़की हूँ

मुझे घूमने फिरने का हक नहीं
क्योंकि मै एक लड़की हूँ

मुझे जोर से खिलखिलाने का हक़ नहीं
क्योंकि मै एक लड़की हूँ

मुझे अपने अरमानो के आसमानों को
     देखने का हक़ नहीं
  क्योंकि मै एक लड़की हूँ

मुझे तारा बन बुलंदियों पर पहुच
   चमकने का हक़ नहीं
 क्योंकि मै एक लड़की हूँ

मुझे अपने हुनर को तलाशने
       का हक़ नहीं
क्योंकि मै एक लड़की हूँ

पर आज मै कहती हूँ कि अपना
 एक ऐसा अस्क बनाउंगी
   कि पूरी दुनिया को
अपने हुनर के आगे झुकउगी

और गर्व से हर एक से यह कह पाउगी
   कि हा मै एक लड़की हूँ
     कि हा मै एक लड़की हूँ ...........