औरत कुछ तो जन्म के वक़्त जज्बाती होती ही हैं
और थोड़ा और ज्यादा जज्बाती उसे यह दुनिया बना देती हैं :-)
क्यों बनें हमेशा हम ही महान पता हैं ना
महानता बलिदान और त्याग मांगती हैं
चार तालियों की गड़गड़ाहट के पीछे अपनी आवाज को क्यों खो जाने दे ??
अपनों के लिए अपने वजूद को क्यों खो दें ??
बच्ची होती हैं ना चाहे वो अपने भाई से बड़ी हो या छोटी
हमेशा अपनी टॉफियाँ अपने भाई के नाम कर देती हैं
वो अपनी हर चीज़ उसके साथ ख़ुशी-२ शेयर कर लेती हैं
कपड़ों से लेकर पेन-पेंसिल तक
कहने भर का हैं भाई-बहन का रिश्ता अटूट होता हैं
पर हमेशा उसे सहेजने, संभालने व बनाये रखने का जिम्मा बहन ही
के सर होता हैं :-)
लड़की बेचारी थोड़ी बड़ी होती हैं कि
अपने लिए जीने का सोचती हैं
अपने पैरों को फैलाकर उस गगन को चुम लेना चाहती हैं
अपने लिए सपनें संजोने का प्रयास मात्र करती हैं कि
उसकी आँखों के सामने एक मजबूर पिता का चेहरा गुम जाता हैं
कितना मुश्किल हो जाता हैं दुनिया के सबसे ताकतवर
इंसान को अपने सामने कमजोर होते देखना
वो अपने पिता की मजबूरियों, लाचारियों को भांपकर
अपने उस सपनों के घरोंदे को ढा देती हैं :(
पिता के अरमानों को पूरा करने के लिए हो जाती हैं वो परायी
किसी और की दुनिया को बना लेती हैं अपना भी
दूसरों के सपनों को पूरा करते-२ वो अपने सपने तो भूल ही जाती हैं
दूसरों की दुनिया को संवारते-२ वो खुद सजना-संवरना ही भूल जाती हैं
दूसरों के नाम को ही अपनी पहचान बताते-२
उसे अपना नाम किसी गीली मिट्टी के तले दबता सा नजर आता हैं :(
बच्चे……हुह
वो नहीं जानती कि जिन्हें आज वो अपनी जान से भी ज्यादा
चाह रही हैं कल को कुछ वक़्त के लिए वो ही बेटी कहेगी
कि माँ आप मुझे सलाह मत दीजिए मुझे सब पता हैं कि
मेरे लिए क्या सही हैं और क्या गलत ???
आप तो कुछ नहीं जानती हैं
खैर कुछ वक़्त बाद फिर से इतिहास दोहराया जाता हैं :(
आप कभी जान और समझ नहीं सकते कि
किसी औरत ने आपके लिए क्या रोल अदा किया हैं
जाने-अनजाने में उसने आपको कौनसी जड़ी-बूटी दी हैं
जिसने आपका जीना थोड़ा और खुशनुमा कर दिया हो :-)
और थोड़ा और ज्यादा जज्बाती उसे यह दुनिया बना देती हैं :-)
क्यों बनें हमेशा हम ही महान पता हैं ना
महानता बलिदान और त्याग मांगती हैं
चार तालियों की गड़गड़ाहट के पीछे अपनी आवाज को क्यों खो जाने दे ??
अपनों के लिए अपने वजूद को क्यों खो दें ??
बच्ची होती हैं ना चाहे वो अपने भाई से बड़ी हो या छोटी
हमेशा अपनी टॉफियाँ अपने भाई के नाम कर देती हैं
वो अपनी हर चीज़ उसके साथ ख़ुशी-२ शेयर कर लेती हैं
कपड़ों से लेकर पेन-पेंसिल तक
कहने भर का हैं भाई-बहन का रिश्ता अटूट होता हैं
पर हमेशा उसे सहेजने, संभालने व बनाये रखने का जिम्मा बहन ही
के सर होता हैं :-)
लड़की बेचारी थोड़ी बड़ी होती हैं कि
अपने लिए जीने का सोचती हैं
अपने पैरों को फैलाकर उस गगन को चुम लेना चाहती हैं
अपने लिए सपनें संजोने का प्रयास मात्र करती हैं कि
उसकी आँखों के सामने एक मजबूर पिता का चेहरा गुम जाता हैं
कितना मुश्किल हो जाता हैं दुनिया के सबसे ताकतवर
इंसान को अपने सामने कमजोर होते देखना
वो अपने पिता की मजबूरियों, लाचारियों को भांपकर
अपने उस सपनों के घरोंदे को ढा देती हैं :(
पिता के अरमानों को पूरा करने के लिए हो जाती हैं वो परायी
किसी और की दुनिया को बना लेती हैं अपना भी
दूसरों के सपनों को पूरा करते-२ वो अपने सपने तो भूल ही जाती हैं
दूसरों की दुनिया को संवारते-२ वो खुद सजना-संवरना ही भूल जाती हैं
दूसरों के नाम को ही अपनी पहचान बताते-२
उसे अपना नाम किसी गीली मिट्टी के तले दबता सा नजर आता हैं :(
बच्चे……हुह
वो नहीं जानती कि जिन्हें आज वो अपनी जान से भी ज्यादा
चाह रही हैं कल को कुछ वक़्त के लिए वो ही बेटी कहेगी
कि माँ आप मुझे सलाह मत दीजिए मुझे सब पता हैं कि
मेरे लिए क्या सही हैं और क्या गलत ???
आप तो कुछ नहीं जानती हैं
खैर कुछ वक़्त बाद फिर से इतिहास दोहराया जाता हैं :(
आप कभी जान और समझ नहीं सकते कि
किसी औरत ने आपके लिए क्या रोल अदा किया हैं
जाने-अनजाने में उसने आपको कौनसी जड़ी-बूटी दी हैं
जिसने आपका जीना थोड़ा और खुशनुमा कर दिया हो :-)
हो सकता हैं यह बातें सबके जीवन से ना मिलती हो
पर यक़ीनन कुछ जिन्दगियों से तो जरूर मिलती होगी :-)
she is the creature of the GOD who no one can complete
respect every girl/lady in your life because
u will never know what she has sacrificed for you.....