कलयुग की महाभारत
सब कुछ तो लगा
दिया
मैंने खुद ही
अपना दाँव पर
पद,
प्रतिष्ठा, अपना घर
फिर भी तुमने
किया मुझसे छल
और दिया धोखा
अर्जुन के हाथों
ही
निर्वस्त्र हुयी
द्रौपदी
कैसी अजीब रही
यह कलयुग की
महाभारत ∙
2 टिप्पणियां:
फिर भी तुमने
किया मुझसे छल
yahi to vidambna hai kintu yahi satya bhi hai .bahut sundar bhavabhivyakti .aabhar.
abhar shalini ji!
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