माँ भूखी रहती हैं ,
खिलाने के लिये !!
मेहनत-मजदूरी करती हैं,
पढ़ाने के लिये !!
सादगी से रहती हैं,
अच्छा पहनाने के लिये !!
लाल-पीली होती हैं ,
सही राह दिखाने के लिये !!
खून-पसीना बहाती हैं ,
अच्छा इंसान बनाने के लिये !!
हर गम सहती हैं,
बुराइयों से बचाने के लिये !!
छुपकर आंसू बहाती हैं ,
मेरे गुनाहों को भुलाने के लिये !!
हर वक़्त दुआ करती हैं ,
बदी से बचाने के लिये !!
आओ बड़े होकर कुछ कर दिखाए ,
गर्व करने के लिये !!
किसी एक के लिये नहीं ,
"सारिका "कहती हैं सारे ज़माने के लिये !!:-)
खिलाने के लिये !!
मेहनत-मजदूरी करती हैं,
पढ़ाने के लिये !!
सादगी से रहती हैं,
अच्छा पहनाने के लिये !!
लाल-पीली होती हैं ,
सही राह दिखाने के लिये !!
खून-पसीना बहाती हैं ,
अच्छा इंसान बनाने के लिये !!
हर गम सहती हैं,
बुराइयों से बचाने के लिये !!
छुपकर आंसू बहाती हैं ,
मेरे गुनाहों को भुलाने के लिये !!
हर वक़्त दुआ करती हैं ,
बदी से बचाने के लिये !!
आओ बड़े होकर कुछ कर दिखाए ,
गर्व करने के लिये !!
किसी एक के लिये नहीं ,
"सारिका "कहती हैं सारे ज़माने के लिये !!:-)
3 टिप्पणियां:
आओ बड़े होकर कुछ कर दिखाए ,
गर्व करने के लिये !!
किसी एक के लिये नहीं ,
"सारिका "कहती हैं सारे ज़माने के लिये !!:-)
सच अपने लिए जिए तो क्या जिए.... गाने के बोल होंठों पर आ गए ..
बहुत सुन्दर प्रेरक
bahut-2 aabhar mam.....:-)
wah wah bahut khub
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