शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

आत्म सम्मान .......एक लघु कथा

''तमने अपने पति की हत्या क्यों की ?,
इंस्पैक्टर ने कमला को जेल ले जाते हुए पूछा |
  इस सती सावित्री,अनसुइया के पावन देश मे तूमने ऐसा अपराध किया ;घोर आश्चर्य !
     कमला ने बेहिचक कहा ''सावित्री ,अनसुइया के पति ने कभी अपनी पत्नी पर ऐसा मर्यादाहीन लांछन लगाया? इंस्पैक्टर सोचने पर मजबूर हो गया|
  ''मेरे पति के दोस्त मुझ पर बुरी नजर रखते थे| मेरे पति देख कर भी अनदेखा कर देते थे| जो मुझे बिलकुल गवारा नहीं था|| फिर भी जब मैंने उनसे इस बात की शिकायत की तो उल्टा मुझे ही बदचलन  कहा गया| ,
     अब तो रोज ही मुझे इस उपाधि से नवाजा जाने लगा| कब तक बर्दाश्त करती| मै भी एक इंसान थी|
आत्म सम्मान से जीने का हक मुझे भी ही है| उसी आत्म सम्मान की रक्षा के लिए कल रात मैंने उनको उनके किये की सजा दिलाई|, कमला ने अपनी बात ख़त्म की और शुन्य मे ताकने लगी

शांति पुरोहित

  

5 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

sarthak sandesh preshit karti laghu-katha hetu badhai shanti ji !

Shalini kaushik ने कहा…

NICE STORY .THANKS TO PUBLISH HERE.

Unknown ने कहा…

शुक्रिया मेम

Unknown ने कहा…

शुक्रिया मेम

Unknown ने कहा…

शुक्रिया मेम