तुम रानी बनकर राज करोगी जब तुम किसी के घर की शोभा बनोगी |
तुम जिस घर में जाओगी उस घर का बन्टाधार हो जायेगा |
''तुम बहुत भाग्यशाली हो|
एकदम गुलाब के फुल की तरह सुवासित हो, जब तुम पैदा हुई ना तो तेरे बाप को अपने व्यापर में बहुत बड़ा आर्डर मिला | और हम उतरोतर तरक्की करते गये |
तुम अभागी हो| उस कांटे की तरह जो शूल बनकर चुभता है | तुम्हारे जन्म के दिन ही तुम्हारे बाप का काम-धन्धा सब चौपट हो गया | हम रोटी को भी मोहताज हो गये थे
धन और सम्पनता लडकी के भाग्य से कब और कैसे जुड़ गया? अर्थ को लडकी से जोड़कर इतना जहर क्यों उगला जा रहा है लडकी उदास बैठी सोच रही है
शान्ति पुरोहित
शान्ति पुरोहित
3 टिप्पणियां:
धन्यवाद .. आपका कौनसा ब्लॉग है
बहुत सुन्दर। बच्चियों भावपूर्ण रचना।
ryt said mam.....:-)
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