tag:blogger.com,1999:blog-5425952500155288493.post7419968935009870270..comments2023-11-02T08:33:53.990-07:00Comments on WOMAN ABOUT MAN: बृहस्पतिवार, 14 मार्च 2013Shalini kaushikhttp://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5425952500155288493.post-28164664672091309492013-03-14T23:49:25.973-07:002013-03-14T23:49:25.973-07:00@शालिनी कौशिक जी, पूरण खण्डेलवाल जी,अवन्ती सिंह जी...@शालिनी कौशिक जी, पूरण खण्डेलवाल जी,अवन्ती सिंह जी.<br />सर्वप्रथम, शालिनी जी को धन्यवाद की उन्होंने मुझे इस ब्लॉग के माध्यम से सबसे रूबरू होने का सुअवसर दिया! इसके उपरांत आप सभी की स्नेहमयी प्रतिक्रिया के लिए आप सभी का हार्दिक आभार! नारी को युगों से सम्मानित किया जाता रहा है परन्तु उसके साथ छल का खेल भी सतत खेला जाता रहा है! ये खेल अब बंद होवे और नारी को भी संवेदनशील/सजीव जीव माने जाने की आवश्यकता है ना कि एक निरीह जीव....<br />आप सभी का एक बार फिर से धन्यवाद! आशा है भविष्य में भी आप सबों का स्नेह मिलता रहेगा! <br />सारिका मुकेश सारिका मुकेश https://www.blogger.com/profile/03341618267894745278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5425952500155288493.post-52020447623530339732013-03-14T04:03:23.216-07:002013-03-14T04:03:23.216-07:00बहुत ही अच्छा सवाल है ये ,आप ने एक उम्दा शुरुआत की...बहुत ही अच्छा सवाल है ये ,आप ने एक उम्दा शुरुआत की है ,बधाई आप को avanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5425952500155288493.post-65375776590059729072013-03-14T03:18:17.539-07:002013-03-14T03:18:17.539-07:00जिस नारी को सदियों से शक्ति का रूप माना गया हो वो ...जिस नारी को सदियों से शक्ति का रूप माना गया हो वो अबला कैसे हो सकती है !!पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5425952500155288493.post-41624545269670079322013-03-14T02:03:23.985-07:002013-03-14T02:03:23.985-07:00सारिका जी ,ब्लॉग पर आपकी प्रथम प्रविष्टि ही बताती ...सारिका जी ,ब्लॉग पर आपकी प्रथम प्रविष्टि ही बताती है की पुरुषों की सोच चाहे उनके कृत्य कितने ही अवैध हों या कितनी ही कायरता लिए वे नारी को सोचते अपने से कम ही हैं ,किन्तु सत्य को झुठलाना उनपर ही भारी पड़ता है यह भी आपने अपनी सुन्दर अभिव्यक्ति के माध्यम से अभिव्यक्त किया है .आपका इस ब्लॉग पर हार्दिक अभिनन्दन.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com